इस गाँव में यादवों की आबादी अधिक है मल्लाह उसके बाद धोबी तीसरे नंबर पर ब्राह्मण नाऊ कहार तब ठाकुर |
लगभग सभी जातियां खेती बारी पर आधारित है कुछ अपने पारम्परिक कार्यों में भी लगे है | देश परदेश के लिए भी कुछ लोग निकले है कुछ स्थानीय व्यसायों में भी संलग्न है सरकारी गैर सरकारी नौकरिओं में भी लोग है,
जिस बात के लिए यह गाँव पहचाना जाता है उसमे यहाँ के मास्टरों की ख्याति है और यही कारण है की हर नौजवान टीचर ही बनना चाहा,एसा नहीं की यहाँ डाक्टर इंजिनीअर प्रोफेसर नहीं है वह भी है|
जिनसे इस गाँव के गौरव से यहाँ के लोग गौरवान्वित होते है-
१- मुंशी स्व.मुनेश्वर राम यादव
२- स्व. बहादुर राम यादव
३- स्व.राम नाथ यादव
४- स्व. राम समुझ शर्मा
आयुर्वेदिक चिकित्सा के लिए -
१- स्व. राम खेलावन सिंह 'वैद्य'
२- स्व.डॉ.रमापति यादव
सामाजिक सरोकारों के लिए -
१- स्व. रघु नाथ यादव
२- स्व.डॉ.रमापति यादव
३- स्व.राज देव यादव (प्रधान)
इनके अलावा इस गाँव में अध्यापकों की बहुतायत है अब जो बाहर निकाल गए है उनके बच्चे अलग क्षेत्रों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं कई विदेशों में भी गए और वहां से एकाध के साथ बड़ी बुरी हालात हुए हैं .
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