बुधवार, 26 अगस्त 2009
मेरा घर
मेरा घर
बड़े अरमान से घर
हमने बनाया था कभी
पर
आज वहा रहने का वहाँ वक़्त कहाँ
जिनपे हक हुकूमत
और अपनापन
वहाँ सौगात का है वक़्त कहाँ
बड़े जतन से जिसे
एक एक ईंट चुना
आज उनके लिए यहाँ वहां,
सब कुछ बचा न बचा
जब
हम वतन ही कहाँ .
सोमवार, 24 अगस्त 2009
जब सब सपने पूरे हो तो गाँव शहर बन जाएँ .
शनिवार, 22 अगस्त 2009
सपना
सपना ;
डॉ.लाल रत्नाकर
जिसने एक सपना देखा था
ख्वाब बुने थे
गैरों की गैरत ने
तब उन्हें तबाह किया, हश्र तो उनका जो होना था
वह तो नहीं हुआ, पर जो सपने में भी नहीं सोचा था उनका वही हुआ ! शाम सबरे हम थे; उनके
रात रात भर जग कर सँवारने के ख्वाब थे उनके
और पिता जी
थे गुस्से में पर हमने नहीं सुना ! उनका बड़ा बडपन्न था ! जब सब कुछ सहा-गहा.
पर तब हम सब थे. भावुक
जब-जब उन्होंने कुछ भी हमें कहा,आज समझ में नहीं आ रहा
तब पागलपन ये क्यों रहा है ? उनकी औलादों से जिनकी वजह से परिवार की मर्यादा तहस नहस हुई ?
उसी घटना ने छिन्न भिन्न किया जिसका उल्लेख यहाँ करना है।
बिशुनपुर जौनपुर जिले का एक कृषि प्रधान गाँव है |
इस गाँव में यादवों की आबादी अधिक है मल्लाह उसके बाद धोबी तीसरे नंबर पर ब्राह्मण नाऊ कहार तब ठाकुर |
लगभग सभी जातियां खेती बारी पर आधारित है कुछ अपने पारम्परिक कार्यों में भी लगे है | देश परदेश के लिए भी कुछ लोग निकले है कुछ स्थानीय व्यसायों में भी संलग्न है सरकारी गैर सरकारी नौकरिओं में भी लोग है,
जिस बात के लिए यह गाँव पहचाना जाता है उसमे यहाँ के मास्टरों की ख्याति है और यही कारण है की हर नौजवान टीचर ही बनना चाहा,एसा नहीं की यहाँ डाक्टर इंजिनीअर प्रोफेसर नहीं है वह भी है|
जिनसे इस गाँव के गौरव से यहाँ के लोग गौरवान्वित होते है-
१- मुंशी स्व.मुनेश्वर राम यादव
२- स्व. बहादुर राम यादव
३- स्व.राम नाथ यादव
४- स्व. राम समुझ शर्मा
आयुर्वेदिक चिकित्सा के लिए -
१- स्व. राम खेलावन सिंह 'वैद्य'
२- स्व.डॉ.रमापति यादव
सामाजिक सरोकारों के लिए -
१- स्व. रघु नाथ यादव
२- स्व.डॉ.रमापति यादव
३- स्व.राज देव यादव (प्रधान)
इनके अलावा इस गाँव में अध्यापकों की बहुतायत है अब जो बाहर निकाल गए है उनके बच्चे अलग क्षेत्रों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं कई विदेशों में भी गए और वहां से एकाध के साथ बड़ी बुरी हालात हुए हैं .
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